प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक भारत में उच्चतर शिक्षा का भारतीय इतिहास में हमेशा से एक विशिष्ट
स्थान रहा है। आजादी के बाद समय समय पर देश प्रदेश में सरकारों ने शिक्षा के प्रसार को लेकर स्कूल, कॉलेज और
विश्वविद्यालय खोलने के लिए भरसक प्रयत्न किये हैं। इसी शृंखला में शिवालिक की पहाड़ियों की तलहटी में अगस्त
1970 में माननीय श्री किशोरी लाल जी, स्थानीय विधायक कालका और समाज के गणमान्य नागरिकों के भरसक
प्रयत्नों के फलस्वरुप राजकीय महाविद्यालय कालका अस्तित्त्व में आया। इसका शुभारंभ कालका के सरकारी स्कूल में
किया गया था और सन 1978 में यह वर्तमान इमारत में स्थापित हुआ। श्री बी एल शर्मा को 22 अगस्त 1970 में
महाविद्यालय के पहले प्राचार्य का कार्यभार संभालने का सुअवसर प्राप्त हुआ। यह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र से
संबद्ध है।
यह महाविद्यालय कालका शिमला हाईवे नम्बर 22 पर स्थित है और यह 21 एकड़ में फैला हुआ है।
बॉटेनिकल गार्डन, आम से लदे पेड़, रंग बिरंगे फूल, हरे भरे पेड़ पौधे इसके आँगन को मनमोहक बनाते हैं और
महाविद्यालय की प्राकृतिक सुन्दरता पर छटा बिखेरते हैं।
भारतीय स्वतंत्रता सेनानी अरुणा गांगुली का जन्म 16 जुलाई, 1909 में कालका में हुआ था। अंग्रेज भारत छोड़ो
आन्दोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाली इस क्रांतिकारी श्रीमती अरुणा आसफ़ अली के नाम पर इस महाविद्यालय
का नाम श्रीमती अरुणा आसफ़ अली राजकीय स्नातकोतर महाविद्यालय कालका हरियाणा सरकार द्वारा रखा गया
है।